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हमारे बारे में

बैंक नोट मुद्रणालय, देवास भारत सरकार, वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य प्रभाग के पूर्ण स्वामित्वाधीन भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड की औद्योगिक इकाई है, जो कि विभिन्न मूल्य वर्ग के उच्च गुणवत्ता युक्त विश्व- स्तरीय बैंक नोटों के मुद्रण के लिए 1974 में स्थापित हुई है। इसके मुखिया महाप्रबंधक होते हैं जो कि भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लि. के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक को सीधे रिपोर्ट करते हैं ।

भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड का गठन प्रेस/ टकसाल की समस्त नौ सुरक्षा इकाईयों के निगमीकरण के पश्चात हुआ जो कि पूर्व में वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत थी । एस.पी.एम.सी.आई.एल. का पंजीकरण 13.01.2006 को हुआ जिसका मुख्यालय जवाहर व्यापार भवन , नई दिल्ली में है ।

देवास शहर की प्रसिद्ध चामुण्डेश्वरी पहाडी के निकट आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह स्थित है । यह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के इंदौर और उज्जैन से 35 कि.मी. दूरी पर और देवास रेल्वे स्टेशन से 1.5 कि.मी. दूरी पर स्थित है ।

यह इकाई जाली नोटों को रोकने वाली इंटेग्लियो ओरलोफ प्रिंटिंग, माइक्रो टिंट्स, इंटरलाक डिजाइन , पारदर्शन डिजाइन , प्रच्छन्न छवि, फ्लुओरेसेन्ट एवं विभिन्न आप्टिकल स्याही आदि से युक्त बैंक नोट के मुद्रण में आबद्ध है जो कि भारतीय रिजर्व बैंक की बढती आवश्यकताओं को पूर्ण करती है ।

एसपीएमसीआईएल के अधिसत्तात्मक कार्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के साथ यह इकाई वर्तमान में रु.20रु. 50 रु.100 और रु. 500 मूल्य के बैंक नोटों का मुद्रण कर रही है और किसी भी मूल्य वर्ग के बैंक नोटों के मुद्रण में सक्षम है । इस प्रकार की सुरक्षात्मक मुद्रण और प्रसंस्करण के लिए अत्याधुनिक प्लांट और मशीनरी की आपूर्ति विश्व की अग्रणी मेसर्स डे ला रूई गिऔरी द्वारा की गई है और साथ में सहायक सुविधाएं जैसे डिजाइन , स्टूडियों, प्लेट मेकिंग, एफ्लुएन्ट ट्रीटमेंट प्लांट आदि भी सम्मिलित हैं।

बैंक नोट प्रेस, देवास की अपनी स्वयं की सुरक्षा मुद्रण स्याही निर्माण इकाई है जो बैंक नोट प्रेस , देवास की विविध प्रकार की मुद्रण इकाई की पूर्ति करने के साथ इसके सहयोगी संस्थानों जैसे चलार्थ पत्र मुद्रणालय, इंडिया सिक्युरिटी प्रेस, नाशिक रोड, सिक्युरिटी प्रिंटिंग प्रेस, हैदराबाद और अन्य संस्थानों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करती है।

इसका परिसर उच्च सुरक्षा प्रिंटिंग काम्पलेक्स के अतिरिक्त 185 हैक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है इसका अपना आवासीय काम्पलेक्स (लगभग 1400 आवासो) सुदृढ़ अधोसंरचना युक्त है । फैक्ट्री और कालोनी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राय: स्व-निर्भर है। विशाल भवन संरचना और मुख्य मुद्रण काम्पलेक्स बेहतर संरचना युक्त डिजाइन का नमूना है, जिसका निर्माण कार्य केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के संवीक्षण में हुआ है । केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल द्वारा प्लांट के साथ बैंक नोट कन्साइन्मेंट के उपभोक्ता गंतव्य- तक परिवहन को भी सुरक्षा और अग्नि दुर्घटनाओं का कवरेज दिया जा रहा है ।

एसपीएमसीआईएल द्वारा प्रदत्त उत्तरदायित्वों को दक्षतापूर्वक और प्रभावी तरीके से पूर्ण करने हेतु इकाई के पास उत्पादन, नियंत्रण और रख-रखाव क्षेत्रों में लगभग 1400 कुशल और प्रशिक्षित मेन पावर हैं । मुद्रणालय के प्रारंभ करने के समय और बाद में आवश्यक प्रशिक्षण भी कार्मिकों को दिया गया है । प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ साथ प्रशिक्षण का कार्य भी चलता रहता है । इकाई के पास गर्व करने योग्य समर्पित अधिकारियों, स्टाफ और श्रमिकों की टीम है जिन्होंने संगठन के लिए कई उपलबिधयां अर्जित की है । अपनी स्थापना के घटनापूर्ण रहे विगत 40 वर्षो में इस इकाई ने कई उपलब्धियों को प्राप्त कर भारतीय रिजर्व बैंक को उच्च गुणवत्तापूर्ण बैंक नोटो की आपूर्ति करने वाली विश्वसनीय और संभावनापूर्ण मुद्रक की प्रतिष्ठा अर्जित की है ।

देवास में और उसकी निकटवर्ती औद्योगिक इकाइयों में से यह सबसे वृहद, आधुनिक और अपने आप में अपूर्व औद्योगिक इकाई है जिसका क्षेत्र की जनता की आजीविका और आर्थिक स्थिति में वृहद योगदान है। देवास की लगभग 250 लधु एवं मध्यम आकार की औद्योगिक इकाइयों में यह सही अर्थों में रत्नजड़ित ताज की भांति है

इतिहास

बैंक नोट मुद्रण के लिये सुरक्षा स्याही का निर्माण प्रेस परिसर में मुख्य फैक्ट्री के पास स्थित स्याही कारखाने में किया जाता है जिसकी स्थापना वर्ष1973 में हुई थी । एसपीएमसीआईएल के अंतर्गत कार्यरत अन्य इकाइयों की आवश्यकता की पूर्ति भी स्याही इकाई कारखाना द्वारा की जाती है । बैंक नोट मुद्रण में प्रयुक्त की जाने वाली सुरक्षा स्याही का उत्पादन स्याही कारखाने में किया जाता है ,

भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, आर्थिक व्यय विभाग की औधोगिक इकाई बैंक नोट प्रेस, देवास की संकल्पना 1969 में की गई और 1974 में इसकी स्थापना हुई । 185 हैक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई यह प्रेस मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की लघु नगरी देवास में प्रसिद्व चामुंडेश्वरी पहाड़ी के निकट सिथत है । उस समय यह एकमात्र ऐसी इकाई थी जिसने ''दक्षिण एशियन क्षेत्र में उत्कीर्ण मुद्रण'' की नवीन प्रौधोगिकी को अंगीकार किया था और शीघ्र ही उच्च मूल्य वर्ग की उच्चतर सुरक्षा युक्त मुद्रा को मुद्रित करने वाले प्रभावी संस्थानों में सम्मिलित हो गई । विगत 30 वर्षो से आर.बी.आई. ने उच्च मूल्य प्रवर्ग के बैंक नोट मुद्रण की सदैव बढ़ती मांग को पूर्ण करने और इसके मुद्रण के अधिसत्तास्मक कार्य में बैंक नोट प्रेस को आबद्ध किया है । गुणवत्तायुक्त नवीन नोटों के उत्पादन के दृष्टिगत तत्कालीन आधुनिक प्रौधोगिकियों जैसे इंटेग्लियों प्रिंटिंग, ड्राय आफसेट प्रिटिंग के साथ सुरक्षा लक्षणों जैसे निरंतर नि:स्त्रवण रंजन, अंतगर्थिंत अभिकल्पना पारदर्शन अभिकल्पना, प्रतिदीप्ति स्याही आदि का समावेश कर जालसाजी को बाधित करने के उद्देश्यों के साथ इसकी स्थापना हुई थी । देवास के आसपास की लगभग 250 लघु एवं मध्यम आकार की औधोगिक इकाइयों में से यह एक वृहद , पुरानी और अपने आप में अपूर्व औधोगिक इकाई है, जिसका क्षेत्र की जनता की आजीविका और आर्थिक सिथति में वृहद योगदान है ।

इकाई की स्थापना के लिए प्रौद्योगिकी , मशीनरी और बैंक नोट प्रेस की डिजाइन स्विट्जरर्लैंड की अग्रगण्य सुरक्षा मशीन और समवर्गी उपकरण निर्माता कंपनी डेला.रू. गिओरी और कोईग एवं बाऊअर जोकि अब के बी.ए.गिओरी एस.ए. सिवटजरलैन्ड के नाम से जानी जाती है, से प्राप्त की गई है। उत्पादन का प्रारंभ वर्ष 1974 में हुआ और मार्च 1975 में रिजर्व बैंक आफ इंडिया को नये नोटों का कन्साइन्मेंट भेजा गया । बैंक नोट प्रेस उच्च गुणवत्ता के नोटों के मुद्रण और प्रसंस्करण के लिए समस्त सुविधाओं से सुसजिजत है और विभिन्न गतिविधियों जैसे मुद्रण,गुणवत्ता नियंत्रण, अभियांत्रिकी , परीक्षण समूह, सहायक और प्रशासनिक समूह के नियंत्रण के लिए विभिन्न प्रभाग है । केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल को प्रेस, आवासीय परिसर क्षेत्रों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है।

जिसकी स्थापना वर्ष 1973 में मुख्य कारखाना परिसर से जुड़े प्रेस परिसर में की गई है। स्याही कारखाना एस.पी.एम.सी.आय.एल.एव बी आर बी एन एल के अंतर्गत अन्य इकाइयों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करती है।